सोमवार, 23 अगस्त 2010

15 अगस्त / 26 जनवरी को झण्डा फहराते समय

15 अगस्त और 26 जनवरी के दिन विभिन्न स्थलों पर लहराते हुए झण्डों को देखते समय कई बार मैंने नोट किया है कि झण्डे के ऊपर बाँस (या पोल) का सिरा निकला हुआ है. कई बार झण्डे की डोरी भी झण्डे के ऊपर दीखती है. मेरे ख्याल से हम सब को ध्यान रखना चाहिए कि झण्डे के ऊपर डोरी या पोल का सिरा न रहे. 
इसी प्रकार, कई बार सुतलियों पर झण्डियों को चिपकाकर इन सुतलियों को झण्डे के ऊपर बाँस या पोल पर बाँध दिया जाता है. इससे भी हमें बचना चाहिए. तिरंगे से ऊपर तो कुछ होना ही नहीं चाहिए.




1 टिप्पणी:

  1. बहुत ही सूक्ष्म बातें आपने नोटिस में ली है और हमे बतलाई भी
    आभार
    कृपया सेट्टिंग में जा कर शब्द पुष्टिकरण दीजिए.

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