अपने ब्लॉग के शुरुआती दिनों में मैंने "हिन्दी हमारी"
शीर्षक से तीन पोस्ट लिखे थे (पोस्ट क्रमांक 8, 9 और 10)।
आज उसी में एक और कड़ी जोड़ने जा रहा हूँ। 'प्रभात
खबर' के साप्ताहिक परिशिष्ट "अवसर" में आज "सुधारें हिन्दी"
स्तम्भ के अन्तर्गत रवीन्द्र कुमार जी ने इसे लिखा है।
दो उपसर्ग हैं- "अन्तर्" और "अन्तर"।
अब तक मैं जानता ही नहीं था कि दोनों अलग-अलग अर्थ देते हैं! अन्तर् उपसर्ग का
समानार्थी है "Intra" (इण्ट्रा), जबकि अन्तर का समानार्थी है- "Inter" (इण्टर)।
जब हम "अन्तर्राष्ट्रीय" लिखते हैं, तो इसका
मतलब होता है- Intra-national, यानि अन्तर्देशीय, यानि देश के अन्दर! मुझे
लगता है, ज्यादातर हिन्दीभाषी यह नहीं जानते हैं और इस शब्द का प्रयोग Inter-national
के
रुप में करते हैं।
...जबकि International
के लिए हमें लिखना है- "अन्तरराष्ट्रीय", यानि देश के
बाहर।
इस प्रकार, दो अलग-अलग शब्द हैं:
"अन्तर्राष्ट्रीय" और "अन्तरराष्ट्रीय"। पहले शब्द के बदले
में हम चूँकि "अन्तर्देशीय" शब्द का प्रयोग कर लेते हैं, इसलिए कोई बात
नहीं, मगर देश के बाहर के मामलों के लिए हमें "अन्तरराष्ट्रीय" शब्द का
प्रयोग करना चाहिए, न कि "अन्तर्राष्ट्रीय" शब्द का।
आज तक मैं भी यही गलती करता आ रहा था।
रवीन्द्र कुमार जी तथा "प्रभात
खबर" के प्रति मैं अपनी हार्दिक कृतज्ञता ज्ञापित करता हूँ।