जगप्रभा

जगप्रभा
मेरे द्वारा अनूदित/स्वरचित पुस्तकों की मेरी वेबसाइट

बुधवार, 4 सितंबर 2013

ताड़ का गुलगुला

ताड़ का पका हुआ फल


उसे छीलकर एक छिद्रयुक्त बर्तन पर घिसा गया... (चलनी पर भी घिसा जा सकता है. किसी जमाने में टोकरी को धो-धाकर उसे उलट कर उसी पर घिसा जाता था.)

इस तरह का द्र्व जमा होगा... इसकी खुशबू दूर तक फैल जायेगी. 
इसमें आटा, चीनी, घिसा नारियल वगैरह मिलाकर इसके गोले बनाकर उन्हें तल लिया जाय...

ताड़ का गुलगुला तैयार है...

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें