जगप्रभा

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मंगलवार, 29 जून 2021

253. बात गानों की...



जनवरी में हमारी सिल्वर जुबली में उत्सव भवन के हॉल में रंगारंग कार्यक्रम चल रहे थे और छ्त पर खाने की व्यवस्था थी। छ्त पर ही मेरे घरेलू स्पीकर पर कुछ गाने बज रहे थे। बाद के दिनों में मेरे कान तरस गये यह सुनने के लिए कि कोई एक तो कहे कि यार, प्रोग्राम में छत पर जो गाने बज रहे थे, वे लाजवाब थे! यानि किसी का ध्यान इन गानों की तरफ नहीं गया (लगता है, रसोईए "नन्दकिशोर" ने कुछ ज्यादा ही स्वादिष्ट व्यंजन बना दिये थे- हालाँकि व्यंजनों की तारीफ बाद में सुनने मिली भी थी), जबकि हमने बड़े पापड़ बेल कर किसी तरह से नेट से इन गानों को डाउनलोड किया था। उसके पहले बाकायदे सूची बनायी थी कि वे कौन-से रोमाण्टिक गाने हो सकते हैं, जो हम-जैसे पचास+ वालों को अपनी सिल्वर जुबली में बजाने चाहिए।

 

कल गानों पर कुछ बातचीत के दौरान हमने दो दोस्तों के बीच यह सवाल उठा ही दिया कि तुमलोगों ने उस शाम गाने सुने थे या नहीं। पता चला, उनका ध्यान ही नहीं गया था। खैर, अब हम सोच रहे हैं कि वैसे नहीं, तो ऐसे ही लोग इन गानों को सुने। ...तो 25 सुरीले रोमाण्टिक गानों के संग्रह "मेलोडी 25" का लिंक है- यहाँ। बेशक, इन्हें डाउनलोड भी किया जा सकता है।

 

(जिसे 'डिस्क्लेमर' कहा जाता है, वह: ये गाने सिर्फ उन्हीं लोगों के लिए हैं, जिनकी उम्र पचास साल से अधिक है- नौजवानों के पल्ले शायद न ही पड़े।)

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गाने कुछ ज्यादा डाउनलोड हो गये थे, तो तेज रफ्तार धुन वाले 25 गानों का हमने अलग संग्रह बनाया था- "बीट 25"। उसका लिंक है- यहाँ।


ये गाने वहाँ नहीं बजे थे। दरअसल गोलगप्पे और टिक्की चाट वाले "मोछू" अपने युवा बेटे के साथ छत पर ही चले गये स्टॉल लेकर। अगर वे नीचे वाली जगह पर रहते, तो वहाँ ये गाने बजते- ऐसा हमने सोच रखा था।

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लगे हाथ, "Fitness@उत्सव" की धुनों के संग्रह को भी साझा कर ही दें। इसमें शुरू में 15 मिनट की जो धुन है, उस पर ऐरोबिक्स किया जा सकता है। इसके बाद 6-6 मिनट की दो धुनें हैं, जिनपर कुल बारह मिनट फ्रीहैण्ड एक्सरसाईज की जा सकती है। इसके बाद 4 मिनट की जो धुन है, वह रिलैक्सेशन एक्सरसाईज के लिए उपयुक्त है। अन्त में, योगासन, प्राणायाम और ध्यान के लिए उपयुक्त कुछ धुनें हैं, जिनका कुल समय 15 मिनट से ज्यादा है- शायद 20 मिनट हो। उसका लिंक- यहाँ।

आजकल इन्हीं धुनों पर हमलोग सुबह ऐरोबिक्स, एक्सरसाईज और योगासन करते हैं।

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बुधवार, 9 जून 2021

252. दृष्टिकोण

 


       एक तस्वीर ऊपर है और एक तस्वीर नीचे। ऊपरवाली तस्वीर में खूबसूरती है और नीचे वाली तस्वीर में बदसूरती।

       अब आप ध्यान दीजिए कि दाहिने-बाँये "आक" (एकवन या अकवन) की दो झाड़ियाँ और दूर में खजूर के पेड़ों की पंक्ती के बीच खड़ा मोबाइल टावर दोनों तस्वीरों में मौजूद है। इसका मतलब क्या है?

       जी हाँ, सही समझे। दोनों तस्वीरें बिलकुल एक स्थान पर खड़े होकर ली गयी हैं- बिना एक कदम खिसकाये।

       फिर यह अन्तर क्यों?

       जाहिर है- ऊपर वाली तस्वीर लेते समय मोबाइल के कोण को (धरती से) 90 डिग्री से ज्यादा रखा गया था और नीचे वाली तस्वीर लेते वक्त कोण को 90 डिग्री से कम रखा गया था। एक में आकाश और बादल तो आये ही, प्रकाश का ऐसा असर पड़ा कि वनस्पति की पंक्ती क्षितिज का आभास देने लगी। दूसरी तस्वीर में जमीन का ज्यादा हिस्सा आया और प्रकाश का असर दूसरे ढंग से पड़ा- वनस्पतियाँ स्पष्ट हो गयीं। कचरे का ढेर तो कुछ ज्यादा ही स्पष्ट हो गया।

       यह सब क्या है?

       "दृष्टिकोण" का अन्तर?

       क्या ऊपर वाली तस्वीर "उदार" एवं "उच्च" दृष्टिकोण को और नीचे वाली तस्वीर "संकीर्ण" एवं "निम्न" दृष्टिकोण को दर्शाती है?

    


(पिछले साल अक्तूबर की तस्वीरें हैं।)

 

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