घर के किसी कोने में रखा एक पैकेट मिला, जिसमें कुछ कतरन वगैरह रखे हुए थे। 
उसी में 15 रेखाचित्र भी मिले। 
ये
 रेखाचित्र हमने करीब 30 साल पहले बनाये थे। तब हम ग्वालियर में थे और वहाँ
 से खजुराहो घूमने जाने की योजना बना रहे थे। लाइब्रेरी से खजुराहो पर एक 
मोटी-सी अँग्रेजी पुस्तक उठा लाये- जानकारी हासिल करने के लिए। उसमें बहुत 
सारी प्रस्तर प्रतिमाओं के छायाचित्र भी थे। लगे हाथ हमने छायाचित्रों को 
देख-देख कर इन रेखाचित्रों को बनाया था। 
रेखाचित्रों पर कुछ नम्बर भी पड़े हुए नजर आये, जिससे हम अनुमान लगा रहे हैं कि हमने शायद 50 के लगभग चित्र बनाये थे। 
अन्त
 में- सफाई दे दी जाय कि हमने न तो विधिवत चित्रकारी सीखी है और न ही कभी 
अभ्यास किया है। बस एक नैसर्गिक गुण है कि थोड़ी-बहुत चित्रकारी कर सकते 
हैं। 
 
 
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