जगप्रभा

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शनिवार, 7 नवंबर 2015

144. 'चालीसा'



एक कहावत होती है- "चालीसा", यानि चालीस की उम्र के बाद आँखों की रोशनी कम होना 2006 में चालीस का होने के बाद अगले साल मैंने आँखों की जाँच करवायी थी- मेरठ में ये 6/6 थीं चार-पाँच साल के बाद महसूस होना शुरु हुआ कि कम रोशनी में छोटे अक्षर पढ़ने में परेशानी हो रही है इस सच्चाई को हजम करने में और एक-डेढ़ साल बीते अब एक चश्मा- मामूली-सा ही- ले ही लिया है- छोटे अक्षरों को पढ़ने के लिए- खासकर, जब प्राकृतिक रोशनी पर्याप्त न हो वैसे, इसका ज्यादातर इस्तेमाल अभी तक तो सिर्फ दफ्तर में ही हो रहा है
तरसों सुबह दफ्तर को निकलने से पहले वही चश्मा लगाये मैं...
(नोट- फोटो में थोड़ी कलाकारी की गयी है)

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