ढेलाकण्टा
के फूल के बारे में मैंने 31 मार्च को लिखा था- चित्र के साथ। आज उसके फल की भी तस्वीरें दिखा दूँ।
पिछले हफ्ते जब मैं जाफरगंज में था (दीदी
के घर), तो वहाँ देखा, घर के पिछवाड़े में बहुत सारे पेड़ हैं ढेलाकण्टा के- फलों से
लदे हुए। कोई नहीं खाता इन्हें। वैसे भी, जैसा कि मैंने बताया था, इसका स्वाद कुछ
खास नहीं होता। बीज भी बड़ा होता है- गूदा कम ही होता है। फिर भी, हम तो अपने बचपन
में इसे खाते ही थे।
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