आर्जेण्टिना बनाम बोस्निया-हर्जेगोविना का मैच देखा तो
रवि-सोमवार की रात (बल्कि भोर) में था, मगर कुछ लिखने का समय नहीं मिल पा रहा था।
मैसी के तीन गुणों का जिक्र मैंने सुन रखा
था, जिनके कारण उन्हें मारादोना का वारिस माना जाता है। इस मैच में मैसी ने एक-एक
बार तीनों गुणों का प्रदर्शन किया।
परफेक्ट पास: मैदान के एक किनारे से
मैसी ने पास दिया और पलक झपकते एक साथी खिलाड़ी ने उसे गोल में बदल दिया- एकबारगी
पता ही नहीं चला कि यह हुआ कैसे? गोली भी शायद नहीं समझ पाया होगा।
रेशमी गति: मैदान के बीच से, बल्कि
उसके भी पीछे से एकबार मैसी गेन्द लेकर विरोधी के गोलपोस्ट तक आये, कोई उन्हें छू
भी नहीं सका! हालाँकि इसबार गोल नहीं हुआ।
रक्षकों को छकाना: विरोधी गोलपोस्ट
के बिल्कुल सामने रक्षकों को छकाते हुए गोली के सामने से मैसी ने गोल दाग दिया!
मैं समझता हूँ, इस गोल को देखने के बाद टीवी पर विश्वकप देखने वालों का 'रतजगा' सफल हो गया
होगा!
मैसी, तुम वाकई लाजवाब हो! बढ़े चलो!!
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