जो घरेलू मैना होती है, वह बहुत झगड़ालू होती है। घर के सामने वाले वेण्टिलेटर में घोंसला बनाकर रहने वाले
कबूतर को जोड़े को तंग कर-कर के मैनों के जोड़े ने निकाल बाहर कर दिया। बेचारे
कबूतरों ने दाहिने वाले वेण्टिलेटर में फिर घोंसला बनाया। यह पुरानी बात है।
पिछले हफ्ते बायीं तरफ के एक छोटे वेण्टिलेटर
से गौरैयों के जोड़े को उन मैनों ने निकाल बाहर किया। जैसा कि अंशु ने बताया, गौरैयों के बच्चे को भी नीचे गिरा दिया था। बेचारी गौरैयों ने घर के अन्दर
वेण्टिलेटरों में जगह खोजना शुरु किया। मगर दरारें इतनी पतली थीं कि वे घुस नहीं
पा रहीं थीं। तब बास्केट बॉल का जो एक बोर्ड टंगा था, उसके पीछे गौरैयों ने तिनके
इकट्ठा करना शुरु किया।
यह देखकर मैंने एक पुराने हेलमेट को दीवार
पर टांग दिया- वेण्टिलेटर से ही। मानों, गौरैयों को इसी का इन्तजार था- तुरन्त
बोर्ड को छोड़कर उन्होंने हेलमेट के अन्दर घोंसला बनाना शुरु कर दिया।
उम्मीद है, यह नया घर उन्हें बहुत पसन्द आ
रहा होगा...
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