15 अगस्त और 26 जनवरी के दिन विभिन्न स्थलों पर लहराते हुए झण्डों को देखते समय कई बार मैंने नोट किया है कि झण्डे के ऊपर बाँस (या पोल) का सिरा निकला हुआ है. कई बार झण्डे की डोरी भी झण्डे के ऊपर दीखती है. मेरे ख्याल से हम सब को ध्यान रखना चाहिए कि झण्डे के ऊपर डोरी या पोल का सिरा न रहे.