दो साल पहले जब मैंने
श्रीमान सन्दीप राय (बँगला फिल्म-निर्देशक, सत्यजीत राय के सुपुत्र) जी से अनुमति
माँगी थी कि मुझे जासूस फेलू'दा के कारनामों का हिन्दी अनुवाद करने की अनुमति
प्रदान की जाय, तो उनका साफ कहना था कि इनका हिन्दी अनुवाद हो चुका है, मुझे पहले पता
कर लेना चाहिए।
मैंने बताना चाहा कि मैंने इण्टरनेट पर कई तरीकों से खोज-बीन करके देख लिया है-
सारे 35 कारनामों का हिन्दी अनुवाद कहीं उपलब्ध नहीं है। हाँ, मराठी में उपलब्ध है।
हिन्दी में सिर्फ दो-चार प्रसिद्ध कारनामों का ही अनुवाद हुआ है। मगर वे सुनने के लिए
राजी नहीं थे। मन मारकर मैंने अनुवाद का काम बन्द कर दिया था। तब तीन कारनामों के
हिन्दी अनुवाद को मैं eBook का रुप दे चुका था।
मगर अन्त में मन नहीं ही माना और मैंने फिर अनुवाद का काम शुरु
कर दिया। चौथे कारनामे को हाल ही में eBook का रुप दिया। पहले की तरह इसकी भी एक प्रति
"आनन्द पब्लिकेशन" को भेज देना है- इस अनुरोध के साथ कि इसे श्री सन्दीप
राय जी को उपलब्ध करा दिया जाय। पाँचवे का अनुवाद तैयार है- टाईप करना बाकी है और
यही तो मुख्य काम है और साथ ही, यही बहुत मुश्किल है। यह कारनामा- "गैंगटोक
में गड़बड़झाला" है भी काफी लम्बा। देखें कब शुरु कर पाते हैं इसकी टायपिंग।
मैं यह बताना चाहता हूँ कि सत्यजीत राय साहब ने रहस्य-रोमांच और
वैज्ञानिक कपोल-कल्पनाओं से भरपूर 39 कहानियाँ और लिखी हैं। इस शृँखला के मुख्य
किरदार हैं- प्रोफेसर शंकु! इनका तो हिन्दी अनुवाद नहीं हुआ है- यह तो मैं दावे के
साथ कह सकता हूँ। फेलू'दा शृँखला को पूरा करने के बाद ही मैं इस काम को हाथ में
लूँगा। यानि अभी बहुत लम्बा समय लगेगा।
तब तक मैं प्रो. शंकु शृँखला के रेखाचित्रों को एक धारावाहिक के
रुप में प्रस्तुत करना चाहता हूँ। कहने की आवश्यकता नहीं, फेलू'दा की तरह इसके भी
रेखाचित्र स्वयं सत्यजीत राय साहब ने बनाये हैं। मुझे लगता है, एक "फेसबुक
पेज" बनाकर इसके चित्रों को धारावाहिक रुप से प्रस्तुत करना अच्छा रहेगा।
फेलू'दा पर तो पेज पहले से ही है- उसका लिंक यहाँ
है।
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