मैंने बेटे को दो विकल्प दिये- या तो नाव तैराओ, मैं फोटो खींचता हूँ;
या फिर, तुम फोटो खींचो, मैं नाव तैराता हूँ.
जैसा मैंने सोचा था- वह फोटो खींचने के लिए राजी हुआ- नाव तैराने के लिए नहीं.
शायद उसे कागज की कश्ती बनानी भी नहीं आती.
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अगर उसने 'टच स्क्रीन' पाया है, तो कुछ खोया भी है-
कागज की कश्ती बनाना... और उसे पानी में तैराना...
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पता नहीं, इस पोस्ट को पढ़कर वह क्या सोचेगा.
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