आज
मौसम बढ़िया था, तो गाँव की ओर निकल गये। यह भी देखना था कि दो-तीन हफ्ते पहले जो
तीस आम के पेड़ बड़े तालाब के किनारे-किनारे लगवाये थे, वे सही-सलामत हैं या नहीं।
तो
उसी सफर के दौरान की कुछ तस्वीरें। ये तस्वीरें ही सब कुछ कह रही हैं, व्याख्या या
वर्णन की जरूरत नहीं-
इस दृश्य (चलती ट्रेन) का एक छोटा विडियो फेसबुक पर है-
यहाँइस दृश्य का एक छोटा विडियो फेसबुक पर है-
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इस दृश्य का एक छोटा विडियो फेसबुक पर है-
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धानरोपनी का एक छोटा विडियो फेसबुक पर-
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बच्चों की मस्ती का एक छोटा विडियो फेसबुक पर-
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दरअसल, लौटते समय कुछ देर के लिए वर्षा तेज हो
गयी, तो सड़क किनारे एक छोटे-से नाश्ता दूकान में ठहर गये, वहीं गर्मागर्म दो कचौड़ी
भी खा लिये स्वादिष्ट सब्जी के साथ।
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