ऐसे तो अभी हमारे "उत्सव भवन एवं प्राँगण" में बहुत काम बाकी है, पर हमने सोचा कि जो कार्यक्रम अपने घर में मनाया जाना है, क्यों न उसे "उत्सव भवन" में ही मना लिया जाय।
...तो अपने घर में गायत्री-परिवार द्वारा सुबह सिर्फ हवन करवाया गया। शाम की पार्टी "उत्सव भवन" में ही आयोजित हुई (मकर-संक्रान्ति के दिन यहाँ पूजा हो चुकी थी)।
दरअसल, बीते कल- यानि 25 जनवरी को- को हमारे विवाह की पच्चीसवीं वर्षगाँठ थी।
यू-ट्युब पर विडियो अपलोड होने में समय लगता है, इसलिए फिलहाल तीन ही विडियो के लिंक साझा कर रहे हैं। बाकी बाद में देखा जायेगा।
1. जब लालू भैया ने हमें जोड़े में डान्स करने को कहा और शुभंकर ने कोई नया गाना बजाया, तो हमने कहा कि हम तो अपने जमाने के गाने पर ही डान्स कर सकते हैं-
2. मेरी साली साहिबा ने इस अवसर पर हमारे परिवार की कुछ लड़कियों के साथ एक डान्स प्रस्तुत किया-
3. ये हैं पैन्थर्स! यानि मेरे क्लासमेट। जब गाना पूछा गया, तो हमारी ओर से कहा गया- बजाया जाय- रम्बा हो-
कुल 25 विडियो श्रीमतीजी के 'गूगल ड्राइव' में रख दिये गये हैं, उसका लिंक-
बहुत सुन्दर।
जवाब देंहटाएंबधाई हो।
धन्यवाद महोदय।
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