किसी
के पास 'विजन' होता है, वह कल्पना कर सकता है कि कोई चीज किस तरह की होनी चाहिए।
किसी के पास 'दक्षता' य 'कौशल' होता है, वह 'विजन' को समझ जाने के बाद उसे साकार
रुप दे सकता है। आम तौर पर दोनों गुण एक ही व्यक्ति के पास नहीं होते।
हमने
अपने राजमिस्त्री से कहा कि मेरी छत के लिए रेलिंग 'जरा हट के' बनाओ- रेलिंग के
स्थान पर एक ऐसा ढाँचा हो, जिसमें ऊपर फूलों के छोटे-छोटे पौधे लगाने की व्यवस्था
हो और नीचे हो चिड़ियों का बसेरा। अनावश्यक खर्च भी न हो। (कस्बाई और अर्द्धशहरी
इलाकों में आम तौर पर स्टील के चमकदार और डिजाईनदार रेलिंग बनवाने का चलन है, सुना
है कि यह महँगा भी पड़ता है। हमें यह कभी पसन्द नहीं आया।)
मेरे
राजमिस्त्री अनीस और उसके सहयोगी रहीम ने मेरी बात को समझा और देखते ही देखते
ईंटों का एक ऐसा ढाँचा खड़ा कर दिया कि जिसमें ऊपर मिट्टी भरकर पौधे लगाये जा सकते
हैं और नीचे दड़बों में गौरैया, घरेलू मैना, कबूतर इत्यादि अपना बसेरा बना सकते हैं।
अभी-अभी एक हिस्सा बनकर तैयार हुआ है। कुल पाँच ऐसे ढाँचे बनेंगे। यानि प्रायः 50
जोड़ी चिड़ियों के लिए आवास की व्यवस्था हो जायेगी।
अनीस,
रहीम और उसके साथ काम कर रहे दोनों मजदूरों के प्रति हम आभार प्रकट करते हैं कि
उनलोगों ने मेरे एक छोटे-से विजन को साकार रुप दिया!
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वाह , क्या बात है बहुत जल्द जब ये गुलज़ार होगी तब हम फिर इनसे मिलने आएंगे आपकी पोस्टों के माध्यम से
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रस्तुति का लिंक 22.8.19 को चर्चा मंच पर चर्चा - 3435 में दिया जाएगा
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
वाह, शानदार रेलिंग..फूल लगाने के बाद भी तस्वीरें साझा करें
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