ये हैं नन्हें "रियाज़".
इनका बहुत सारा वक्त हमारे घर में बीतता है, और हम भी (खासकर, मेरी श्रीमतीजी) इसे देखे बिना ज्यादा देर तक नहीं रह सकते.
यह तस्वीर होली की शाम की है- इसलिए जनाब के गालों पर थोड़ा-सा अबीर लगा हुआ है.
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उसी शाम हमारी भी एक तस्वीर.
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पुनश्च: 26 अप्रैल 2013
शिवम मिश्रा जी, जैसा कि मैंने (टिप्पणी में) कहा था- आज एक ग्रुप फोटो पोस्ट कर रहा हूँ-
आज की ब्लॉग बुलेटिन छत्रपति शिवाजी महाराज की जय - ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
जवाब देंहटाएंवाह आज तो भैया जी जोड़े से दर्शन दिये है ... ;)
जवाब देंहटाएंजय हो !
वो तो शाम ढल गयी थी, रोशनी कम थी, इसलिए थोड़ी धुँधली तस्वीर है (हमारी वाली)...
हटाएंकभी अच्छी रोशनी में कोई तस्वीर कभी खींची, तो फिर यहीं पोस्ट करूँगा.