"मिलॅनी" के पन्नों के छायाचित्रों को अल्बम के रुप में मैंने निम्न वेब-साईट पर प्रस्तुत किया है:
"मिलॅनी" से एक कविता 'प्रेम की अर्थी' तथा एक नाटक 'पराई' को भी यहाँ उद्धृत किया गया है.
(टिप्पणी: उक्त आलेख को मैंने अपनी त्रैमासिक पत्रिका "मन मयूर" के लिए लिखा था.)
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