जगप्रभा

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मंगलवार, 8 फ़रवरी 2011

बरहरवा की हस्तलिखित पत्रिका- "मिलॅनी" (1954)



"मिलॅनी" के पन्नों के छायाचित्रों को अल्बम के रुप में मैंने निम्न वेब-साईट पर प्रस्तुत किया है: 
"मिलॅनी" से एक कविता 'प्रेम की अर्थी' तथा एक नाटक 'पराई' को भी यहाँ उद्धृत किया गया है. 

(टिप्पणी: उक्त आलेख को मैंने अपनी त्रैमासिक पत्रिका "मन मयूर" के लिए लिखा था.) 

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