अब रील वाले ब्लैक एण्ड व्हाईट फोटो गुजरे दिनों की बात है. मगर बरहरवा में हमारे पड़ोस में जो स्टूडियो रूपश्री है, वहाँ चन्द्रशेखर जी अब भी यह फोटो बनाते हैं. उनका कहना है कि जब तक केमिकल, पेपर, रोल मिलते रहेंगे, तब तक वे इन्हें बनाते रहेंगे.
हालाँकि उनके पास डिजीटल कैमरा, कम्प्यूटर, फोटो प्रिण्टर सब है, मगर पुरानी तकनीक छोड़ नयी तकनीक को अपनाने का इरादा अब तक तो उनका नहीं ही है.
मैंने अपने जन्मदिन वाले दिन (8 नवम्बर 2010 को) उनके स्टूडियो में एक रील वाला ब्लैक एण्ड व्हाईट फोटो खिंचवाया.
देखिये, एक अनुभवी छायाकार जब अपने सधे हुए कैमरे को पकड़ता है, तो परिणाम कितना शानदार आता है- वर्ना छायाकार तो हमसब हैं, जो मोबाईल कैमरों से फोटो खींचते हैं.
वाह जयदीप भाई .... क्या कहने आपके और चन्द्रशेखर जी के !
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