गुरुवार, 29 जुलाई 2021

256. बिन्दुधाम में कुछ नया

 


बीते डेढ़-दो हफ्ते से सुन रहे थे कि हमारे बिन्दुधाम में 'लाइटिंग' की सजावट की गयी है। कई लोग इसके फोटो और विडियो साझा कर रहे थे। 'उत्सव भवन' की छत पर बैठकर शाम को- दूर से ही- हमने भी यह सजावट देखी। योजना भी बनायी कि एक शाम वहाँ जाना पड़ेगा, पर जाना हो नहीं पा रहा था।

       परसों शाम जयचाँद का फोन आया कि वह दो मेहमानों के साथ ई'रिक्शा पर है, रिक्शा रेल-फाटक पार कर रहा है और जब तक रिक्शा मेरे घर के सामने पहुँचे, मैं बाहर तैयार रहूँ। पहाड़ चलना है। पहाड़ यानि वही- बिन्दुधाम, यानि बिन्दुवासिनी मन्दिर।

       वैसा ही हुआ। सीढ़ियाँ चढ़कर ऊपर पहुँचने के बाद जय ने कहा कि पहले हनुमानजी की मूर्ति के पास से हो आते हैं- ताकि रोशनी कम होने से पहले पहाड़ियों का दृश्य देख लिया जाय। वहीं पहुँचे हम। उसके साथ सिलिगुड़ी से आये दो इंजीनियर थे, उन्हें रात में ट्रेन पकड़नी थी। वहाँ से मुख्य मन्दिर की तरफ आते समय मुझे याद आया कि अरे, यहाँ तो लाइटिंग की नयी सजावट हुई है। तब तक दिन डूब गया था और लाइटिंग चालू हो गयी थी। सही में, बहुत सुन्दर सजावट की गयी है।

       कुछ तस्वीरें और विडियो प्रस्तुत हैं- 






 







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